Tuesday, July 21, 2009

Lyrics of Uttha Panduranga aarti in Marathi script and meaning or translation in Hindi language

शिर्डी साई बाबा की सुबह की आरती उठा पांडुरंगा के सब्दः मराठी मैं हिन्दी अनुवाद के साथ
२. उठा पांडुरंगा(भूपाली)
(संत जनाबाई रचित आरती )


उठा पांडुरंगा आता प्रभातसमयो पातला
वैष्णवांचा मेळा गरुदापारी दाटला ।। 1 ।।

हे पांडुरंग(पंढरपुर के अवतार-विठ्ठल भगवान, जो भगवान विष्णु के अवतार् माने जाते हैं) उठिए, अब प्रातः बेला आई है।
गरुडपार(वैष्णव मन्दिरों में गरूण चबूतरा,जिस पर गरूड स्तम्भ स्थापित होत है) में वैष्णव भक्त भारी संख्या में एकत्रित हो गए हैं।

गरुडपारापासुनी महाद्घारा-पर्यत
सुरवरांची मांदी उभी जोडूनियां हात ।। 2 ।।
गरुड़पार से लेकर महाद्वार(मन्दिर का मुख्य द्वार) तक,
देवतागण दोनों हाथ जोड़कर दर्शन हेतु खड़े हैं

शुक-सनकादिक नारद-तुबंर भक्तांच्या कोटी |
त्रिशूल डमरु घेउनि उभा गिरिजेचा पती ।। 3 ।।

इनमें शुक-सनक (एक श्रेष्ठ मुनी का नाम), नारद-तुंबर(एक श्रेष्ठ भक्त)जैसे श्रेष्ठ कोटि के भक्त हैं।
गिरिजापती शंकर भी त्रिशूल और डमरू लेकर खड़े हैं।

कलीयुगींचा भक्त नामा उभा कीर्तनीं
पाठीमागे उभी डोळा लावुनिया जनी ।। 4 ।।

कलियुग के श्रेष्ठ भक्त नामदेव आपकी महिमा का गान कर रहे हैं।
उनके पीछे जनी(नाम देव की दासी जो विठ्ठल महाराज की अनन्य भक्त थीं)आप में भाव-विभोर हो कर खड़ी हैं।

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