Tuesday, July 21, 2009

Lyrics of Shirdi Sai Baba morning Kakad Aarti Darshan Dyavah (Bhupali)

Lyrics of Shirdi Sai Baba morning Kakad Aarti Darshan Dyavah (Bhupali) composed by Sant Namdev in Marathi Script and meanings in Hindi or Devnagari Script

Darshan dhyaa is the fourth Aarti of morning wake up Aarti of Sai Baba of Shirdi

दर्शन द्या ( संत नामदेव ) शिर्डी साई बाबा आरती

४. दर्शन द्या (भूपाली) (संत नामदेव इस आरती के रचनाकार )

उठा पांडुरंगा आता दर्शन द्या सकळा
झाला अरुणोदय सरली निद्रेची वेळा

है पांडुरंग, उठिये, अब सबको दर्शन दीजिये
सूर्योदय हो गया है और निद्रा की बेला बीत गयी है


संत साधू मुनि अवधे झालेती गोळा
सोडा शेजे सूखे आता बधु द्या मुख्कमळा

संत, साधू, मुनि, सभी एकत्रित हो गए हैं
अब आप शयन-सुख छोड़कर हमें अपने मुखकमल के दर्शन दीजिये

रंगमंड्पी महाद्वारी झालीसे दाटी
मन उताविल रूप पहावया द्रुष्टी

मण्डप से लेकार महाद्वार तक भक्तों की भीड़ है
सभी का मन आपके श्रीमुक को देखने के लिए लालायित है

राही रखुमाबाई तुम्हां येऊ द्या दया
शेजे हालवुनी जागे करा देवराया

है राही और रखुमाबाई, हम पर दया करिए
शैय्या को थोड़ा हिलाकर देव पांडुरंग को जगाईए

गरुड़ हनुमंत उभे पाहती वाट
स्वर्गीचे सुरवर घेउनि आले बोभाट ॥ ५ ॥

गरूड़ और हनुमंत दर्शन की प्रतीक्षा में खड़े हैं, स्वर्ग से देवी-देवता
आकर आप की महिमा का गान कर रहे हैं

झाले मुक्तद्वार लाभ झाला रोकडा
विष्णुदास नामा उभा घेउनी काकडा

द्वार खुल गए हैं और हमें आपके दर्शन का धन प्राप्त हुआ है
विष्णुदास, नामदेव आरती के लिए काकडा लेकर खड़े हैं

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